आईपीएल 2025 में अपने रोबोट डॉग को जरूरत देखा होगा, जो इस बार आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। टॉस के दौरान भी ये रोबोट मैदान पर कप्तानों के साथ देखा जाता है। इस रोबोट डॉग का नाम चंपक रखा गया है लेकिन इसे लेकर अब बीसीसीआई को हाई कोर्ट से नोटिल मिला है।
दरअसल, चंपक एक बच्चों की पत्रिका है, जिसे दिल्ली प्रेस पत्र प्रकाशन करता है। इस प्रकाशन ने बीसीसीआई के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है। रोबोट डॉग का नाम चंपक रखने पर इसमें सवाल उठाया गया है।
आरोप ये लगाया गया है कि, बीसीसीआई ने रोबोट डॉग को चंपक कहकर उसके पंजीकृत ट्रेडमार्क का उल्लंघन किया है। इस पर न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी ने दायर मुकदमे पर नोटिस जारी किया है। इस पर अदालत में अगली सुनवाई 9 जुलाई को होगी।
दिल्ली प्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाले अभिवक्ता अमित गुप्ता के हवाले से बार एंड बेंच ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि, इस एआई उपकरण का नाम चंपक रखा गया है। आईपीएल चल रहा है उत्पाद को पहले पेश किया गया था। लेकिन इसका नाम 23 अप्रैल को फैंस की वोटिंग के आधार पर रखा गया था।
गुप्तान ने कहा कि मेरी पत्रिका जानवरों के पात्रों के लिए जानी जाती है। चलिए हम उत्पाद को अलग मानते हैं लेकिन इसका प्रयोग नुकसान पहुंचा रहा है। ये कमजोर कर रहा है। गु्प्तान ने तर्क देते हुए कहा कि, उत्पाद का विज्ञापन और विपणन वाणिज्यिक शोषण दिखाने के लिए पर्याप्त है। उन्होंने कहा कि, आईपीएल एक व्यावसायिक उद्यम है।
वहीं इस बीच विराट कोहली का नाम भी बीच में आया। ये इसलिए क्योंकि उनको चीकू नाम से पुकारा जाता है और चीकू एक पात्र का नाम भी है। न्यायलाय ने कहा कि प्रकाशक कोहली के चीकू उपमान का इस्तेमाल करे के खिलाफ जाकर रॉयल्टी कमा सकता है। हालांकि, गुप्ता ने कहा कि क्रिकेटर कोई उत्पाद लॉन्च नहीं कर रहा है। अगर वह ऐसा करते हैं तो वाणिज्यिक शोषण होगा।
वहीं बीसीसीआई की ओर से पेश हुए अधिवक्ता जे साई दीपक ने कहा कि चंपक एक फूल का नाम है। लोग इसे टीवी सीरियल में एक पात्र से जोड़कर देख रहे हैं ना कि पत्रिका से।