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Sachin Tendulkar Birthday: क्रिकेट के भगवान कहे जाते हैं सचिन तेंदुलकर, आज मना रहे 52वां जन्मदिन

आज यानी की 24 अप्रैल को क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर अपना 52वां जन्मदिन मना रहे हैं। कोई सचिन को मास्टर ब्लास्टर कहता है, तो कोई रिकॉर्डों का बादशाह कहता है। उन्होंने करीब 24 सालों तक क्रिकेट के मैदान पर राज किया है। वह कई शतक लगा चुके हैं, जिसको तोड़ पाना किसी भी खिलाड़ी के लिए बहुत मुश्किल है। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर सचिन तेंदुलकर के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में…
जन्म और परिवार
मुंबई में 24 अप्रैल 1973 को सचिन तेंदुलकर का जन्म हुआ था। उनके पिता का नाम रमेश तेंदुलकर था, जोकि एक फेमस मराठी उपन्यासकार और कवि थे। वहीं उनकी मां का नाम रजनी तेंदुलकर था और वह एक बीमा कंपनी में काम करती थीं। सचिन को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था।
क्रिकेट करियर
सचिन तेंदुलर ने पहले कोच रमाकांत आचरेकर की देखरेख में क्रिकेट की बारीकियों को सीखा। फिर उन्होंने मुंबई की गलियों में क्रिकेट खेलकर अपने खेल और कौशल को निखारने का काम किया। सचिन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत 15 नवंबर 1989 को पाकिस्तान के खिलाफ कराची में किया था। उस दौरान सचिन की उम्र 16 साल थी। वह दुनिया के सबसे कम उम्र में टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ी बन गए थे। साल 1990 में इंग्लैंड ने पहला टेस्ट शतक 1990 में इंग्लैंड के खिलाफ ओल्ड ट्रैफर्ड, मैनचेस्टर में बनाया था।
वनडे क्रिकेट में लगाए शतक
मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने वनडे क्रिकेट में 49 शतक लगाएं हैं। उन्होंने पहला वनडे शतक साल 1994 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगाया था। फिर साल 1996 के वनडे वर्ल्ड कप में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था। साल 2003 के वनडे वर्ल्ड कप में भी सचिन ने अहम भूमिका निभाई और भारत को फाइनल तक पहुंचाया। बता दें कि सचिन तेंदुलकर ने 463 मैचों की 452 पारियों में 44.83 औसत से 18,246 रन बनाए।
एक युग का समापन
बता दें कि 16 नवंबर 2013 का दिन भारतीय क्रिकेट के इतिहास में अमर रहेगा। इस दिन सचिन तेंदुलकर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा था। वेस्टइंडीज के खिलाफ सचिन तेंदुलकर ने करियर का आखिरी टेस्ट मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला था। 
सम्मान
वहीं सचिन तेंदुलकर को कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। साल 2014 में सचिन को भारत रत्न से सम्मानित किया गया और यह सम्मान पाने वाले वह पहले खिलाड़ी थे। इससे पहले साल 1994 में उनको अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। साल 1997 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, 1999 में पद्मश्री और साल 2008 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया था।
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