अगले महीने 20 जून को भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है। जिसके लिए शुभमन गिल को टेस्ट टीम की कप्तानी सौंपी गई है। कोहली-रोहित के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भारतीय टीम में सीनियर खिलाड़ियों में रवींद्र जडेजा हैं। लेकिन चयनकर्ताओं ने टेस्ट कप्तान के तौर पर उनके नाम पर विचार नहीं किया। इस पर उनका कहना है कि वह कभी न कभी भारत के टेस्ट कप्तान बनना चाहेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि वह कई कप्तानों के तहत खेले हैं और इस भूमिका को बखूबी समझते हैं।
इंग्लैंड दौरे के लिए शुभमन गिल को भारतीय टेस्ट टीम का कप्तान और ऋषभ पंत को उपकप्तान नियुक्त किया गया है। टेस्ट क्रिकेट से रोहित शर्मा के संन्यास के बाद अश्विन ने जडेजा को कप्तान बनाने का समर्थन किया था।
यूट्यूब पॉडकास्ट में अश्विन ने जब जडेजा से कप्तानी को लेकर पूछा तो उन्होंने कहा कि, हां निश्चित रूप से सालों से मैंने कई कप्तानों के तहत खेला है। मैं हर एक कप्तान की मानसिकता को जानता हूं और मैं ये भी समझता हूं कि खिलाडियों को क्या चाहिए और उनकी मानसिकता क्या है। हर कप्तान की टीम चलाने का एक अलग दृष्टिकोण होता है।
साथ ही जडेजा ने कहा कि, मैंने हर प्रारूप में एमएस धोनी के तहत खेला है और उनकी सोच बहुत सरल है। यदि उन्हें लगता है कि एक बल्लेबाज किसी विशेष क्षेत्र में शॉट्स मार सकताहै तो वह वहां फील्डर रखता है ताकि बल्लेबाज असहज महसूस करे। जडेजा ने ये भी कहा कि टेस्ट टीम की बजाय टी0 में कप्तान अधिक कठिन है।
जड्डू ने आगे कहा कि, टेस्ट क्रिकेट में आपको गेंदबाज की जरूरत के मुताबिक दो या तीन फील्डर में बदलाव करना होता है, बल्लेबाज के हिसाब से नहीं। टेस्ट क्रिकेट में कप्तान अलग है। इसमें ज्यादा माथापच्ची नहीं करनी होती। ये आईपीएल या टी20 की तरह पेचीदा नहीं है जहां हर गेंद अहम होती है।