पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम फिलहाल 1-2 से पीछे है। भारत और इंग्लैंड के बीच अब चौथा टेस्ट मैच 23 जुलाई से मैनचेस्टर में खेला जाएगा। भारत का यहां रिकॉर्ड अच्छा नहीं है। टीम इंडिया 1936 में पहला टेस्ट खेली थी जिसके बाद से उसे 89 साल से जीत का इंतजार है। शुभमन गिल की अगुवाई वाली टीम से केवल 1 खिलाड़ी को यहां खेलने का अनुभव है। जसप्रीत बुराह और केएल राहुल जैसे खिलाड़ियों को भी यहां खेलने का अनुभव नहीं है।
मैनचेस्टर में भारत के आखिरी शतक 1990 में लगा था। भारतीय टीम यहां 4 में से 2 मैच पारी से हारी है। 2 मैच 100 से ज्यादा रन से हारी है। भारत यहां अपना पिछला मैच 2014 में एमएस धोनी की कप्तानी में खेला था। उस टीम का केवल 1 खिलाड़ी वर्तमान टीम का हिस्सा है। वो और कई नहीं बल्कि रवींद्र जडेजा हैं।
मैनचेस्टर में 8 भारतीय बल्लेबाजों ने शतक लगाए हैं। 1936 में विजय मर्चेंट और सैयद मुश्ताक अली ने शतक जड़ा था। अब्बास अली बेग और पाली उमीरगर ने 1959 में शतक जड़ा था। 1974 में सुनील गावस्कर ने शतक जड़ा था। 1984 में संदीप पाटिल ने शतक जड़ा था। 1990 में मोहम्मद अजहरुद्दीन और सचिन तेंदुलकर ने सेंचुरी ठोकी थी।
मैनचेस्टर में भारत का प्रदर्शन
मैनचेस्टर में भारत और इंग्लैंड के बीच 1936, 1946, 1971, 1982 और 1990 में खेला गया मैच ड्रॉ रहा था। 1952 में पारी और 207 रन से हारका सामना करना पड़ा। 1959 में 171 रन से हार मिली। 1974 में 113 रन से हार मिली। 2014 में पारी और 54 रन से हार झेलनी पड़ी थी।
वहीं मैनचेस्टर के इस ग्राउंड में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट वीनू मांकड़ के नाम हैं। उन्होंने 2 मैच की 3 पारियों में 9 विकेट झटके थे। आबिद अली और लाला अमरनाथ ने 8-8 विकेट झटके। दिलीप दोशी और सुभाष गुप्ते ने 6-6 विकेट लिए। बिसन सिंह बेदी, नरेंद्र हिरवानी, मदल लाल और सुरेंद्रनाथ के नाम 5-5 विकेट हैं।