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IND vs ENG: जडेजा और सुंदर के बल्लेबाजी जारी रखने के फैसले के समर्थन में उतरे कप्तान शुभमन गिल, जानें क्या कहा?

भारत और इंग्लैंड के बीच मैनचेस्टर में खेला गया चौथा टेस्ट मैच ड्रॉ हो गया। लेकिन ये मैच आखिरी समय में बेहद रोमांचित और चर्चा में रहा। इस दौरान इंग्लिश खिलाड़ियों द्वारा दिखाई गई दिखावे की खेल भावना उजागर हुई। वहीं भारतीय टीम के रविंद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर ने बेहतरीन पारी खेली। इसके बाद भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में ड्रॉ सुनिश्चित करने के बाद अपनी टीम के बल्लेबाजी प्रदर्शन की सराहना की।  गिल ने कहा कि जडेजा और सुंदर को अपने शतक तक पहुंचने का पूरा हक था।

भारत ने अपनी दूसरी पारी 311 रन पिछड़नेके बावजूद दूसरी पारी में जुझारू बल्लेबाजी का प्रदर्शन करते हुए 143 ओवर में चार विकेट पर 425 रन बनाए। टीम ने बिना कोई रन बनाए दो विकेट गंवाए के बावजूद कप्तान गिल की अगुवाई में बेहतरीन बल्लेबाजी की।

गिल ने 103 रन बनाने के अलावा लोकेश राहुल (90) के साथ 188 रन की साझेदारी से मैच में भारत की वापसी कराई जिसके बाद जडेजा (107) और सुंदर (101 नाबाद) ने इंग्लैंड के गेंदबाजों को सफलता से दूर रखा।

इस दौरान मैच उस समय नाटकीय मोड़ आ गया जब जडेजा और सुंदर ने इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स के मैच के अंतिम घंटे की शुरुआत से पहले ड्रॉ पर सहमति जताते के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। बाएं हाथ के ये दोनों बल्लेबाजी उस समय शतक के करीब थे।

गिल ने मैच के बाद पुरस्कार समारोह में कहा कि, निश्चित रूप से ये क्रीज पर मौजूद बल्लेबाजों पर निर्भर था। उन्होंने बेहतरीन बल्लेबाजी की और उस समय दोनों 90 रन के करीब थे ऐसे में हमें लगा कि वे शतक के हकदार थे।

उन्होंने इस परिणाम का श्रेय बल्लेबाजों को देते हुए कहा कि, हमारी बल्लेबाजी प्रदर्शन को लेकर पिछले कुछ दिनों से हम पर काफी दबा था। लेकिन टीम ने जिस तरह से हमने जवाब दिया, खासकर शुरुआती दो विकेट गंवाने के बाद, वह कभी आसान नहीं था। एक बहुत ही दिलेर प्रयास था।

वहीं स्टोक्स ने भारत को चौथा टेस्ट जल्दी समाप्त करने का प्रस्ताव देने के अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि वह अपनी प्रमुख तेज गेंदबाजों को जोखिम में नहीं डालना चाहते थे क्योंकि मैच निश्चित ड्रॉ की ओर बढ़ रहा था।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि भारत ने बहुत मुश्किल समय बिताया। वे दोनों ने अविश्वसनीय रूप से अच्छा खेल रहे थे। मैच उस मोड पर पहुंच गया था जहां से सिर्फ एक ही परिणाम संभव था और मैं अपने किसी भी तेज गेंदबाज को चोटिल होने के जोखिम में नहीं डालना चाहता था। 

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