इंडिया अंडर-19 और इंग्लैंड अंडर-19 के बीच दूसरा यूथ टेस्ट मैच खेला गया। जो बिना हार जीत के ही समाप्त हो गया। इंडिया अंडर-19 को जीत के लिए 355 रन का लक्ष्य मिला था। उसने दूसरी पारी में 43 ओवर में 6 विकेट पर 290 रन बना भी लिए थे। कनिष्क चौहान 18 गेंद में 12 और हरवंश पंगलिया 39 गेंद में 29 रन बनाकर नाबाद थे। जीत के लिए 65 रन और चाहिए थे।
इंडिया टीम जीत की ओर आगे बढ़ रही थी, लेकिन तभी बारिश और खराब रोशनी बीच में आ गई। पहले बारिश और फिर खराब रोशनी के कारण मैच पूरा नहीं हो पाया और आयुष म्हात्रे की अगुवाई और वैभव सूर्यवंशी, विहान मल्होत्रा जैसे होनहार युवाओं वाली इंडिया अंडर-19 टीम का सपना टूट गया। इंडिया अंडर-19 बनाम इंग्लैंड अंडर-19 दो यूथ टेस्ट की सीरीज का पहला मैच भी ड्रॉ रहा था।
इंडिया अंडर-19 बनाम इंग्लैंड अंडर-19 यूथ टेस्ट सीरीज भले ही ड्रॉ रही हो, लेकिन भारतीय टीम के कप्तान आयुष म्हात्रे कई रिकॉर्ड जरूर तोड़ने में सफल रहे। आयुष म्हात्रे सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने। उन्होंने 2 यूथ टेस्ट मैच में 85.00 के औसत और 103,66 के स्ट्राइक रेट से 340 रन बनाए। विहान मल्होत्रा दूसरे नंबर पर रहे। विहान ने 2 मैच में 69.25 के औसत और 79.83 के स्ट्राइक रेट से 277 न बनाए।
आयुष म्हात्रे ने दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में 13 चौके और 6 छक्के की मदद से 80 गेंद में 126 रन बनाए। उन्होंने सिर्फ 64 गेंदों में अपना शतक पूरा किया। इससे वह इतिहास का तीसरा सबसे तेज यूथ टेस्ट शतक लगाने वाले खिलाड़ी बने। यूथ टेस्ट मैच में उनसे तेज सिर्फ मोईन अली और वैभव सूर्यवंशी ही शतक लगा पाए हैं। चेन्नई सुपर किंग्स के इस खिलाड़ी ने पहली पारी में बेहतरीन प्रदर्शन किया और 14 चौके और एक छक्के की मदद से केवल 90 गेंद में 80 रन ठोक दिए थे।
इस तरह आयुष म्हात्रे इंग्लैंड क्रिकेट टीम के हेड कोच और न्यूजीलैंड के दिग्गज बल्लेबाज रहे ब्रेंडन मैकुलम के बाद यूथ टेस्ट में 100 से ज्यादा स्ट्राइक रेट के साथ 200 से ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज बन गए। युवा मुंबईकर ने 121.17 की स्ट्राइक रेट के साथ रैंकिंग में ब्रेंडन मैकुलम के 2001 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ यूथ टेस्ट में 108.41 से भी ज्यादा रैंकिंग हासिल की। न्यूजीलैंड अंडर 19 के तत्कालीन कप्तान ब्रेंडन मैकुलम ने पहली पारी में 172 गेंदों पर 186 रन बनाए और दूसरी पारी में 42 गेंदों पर नाबाद 46 रन जोड़े थे।