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ICC Womens World Cup 2025 | महिला वनडे विश्व कप में 47 साल में आस्ट्रेलिया को सिर्फ तीन बार हरा सकी है भारतीय टीम

भारतीय टीम महिला वनडे विश्व कप में पदार्पण के बाद से पिछले 47 साल में सात बार की चैम्पियन आस्ट्रेलियाई टीम को महज तीन बार हरा सकी है और आखिरी बार 2017 में इंग्लैंड में हुए टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में मिली जीत की सूत्रधार 171 रन बनाने वाली हरमनप्रीत कौर थी जिनका बल्ला इस बार अभी तक खामोश है।
भारत और आस्ट्रेलिया के बीच एक दिवसीय महिला विश्व कप में अब तक बारह मुकाबले खेले गए हैं जिनमे से नौ बार आस्ट्रेलिया (1978, 1982 में दो मैच, 1993, 1997, 2000, 2005, 2017 ,2022) ने जीत दर्ज की है जबकि भारत तीन बार (2009 में दो बार और 2017) ही जीत सका है।

विश्व कप में आस्ट्रेलिया पर पहली जीत के लिये इकतीस साल तक इंतजार करने वाली भारतीय टीम की सबसे बड़ी जीत इंग्लैंड में 2017 में सेमीफाइनल में रही।
आस्ट्रेलिया ने ग्रुप चरण में मेग लानिंग (76) और एलिसे पैरी (दो विकेट) के प्रदर्शन के दम पर पूनम राउत के शतक को बेकार करते हुए भारत को आठ विकेट से हराया।
भारत ने सेमीफाइनल में सारे बदले चुकता करते हुए आस्ट्रेलिया को 36 रन से मात दी और जीत की सूत्रधार रही मौजूदा कप्तान हरमनप्रीत और स्पिनर दीप्ति शर्मा। हरमनप्रीत के 115 गेंद में 171 रन की मदद से भारत ने 42 ओवर में चार विकेट पर 281 रन बनाये।जवाब में आस्ट्रेलियाई टीम 40 . 1 ओवर में 245 रन पर आउट हो गई जिसमें दीप्ति ने तीन विकेट चटकाये।

फाइनल में इंग्लैंड ने भारत को नौ रन से हराया।
भारतीय महिला टीम ने पहली बार विश्व कप में आस्ट्रेलिया को 2009 में हराया और वह भी उसकी ही धरती पर। पहले सुपर सिक्स चरण में और फिर तीसरे स्थान के मुकाबले में। अंजुम चोपड़ा ने सुपर सिक्स मैच में 137 गेंद में 76 रन बनाये जबकि गौहर सुल्ताना और रीमा मल्होत्रा ने दो दो विकेट लिये।
इसके बाद तीसरे स्थान के प्लेआफ मुकाबले में भी सिडनी में भारत ने आस्ट्रेलिया का तिलिस्म फिर तोड़ा जब कप्तान झूलन और प्रियंका रॉय के दो दो विकेट की मदद से भारत ने तीन विकेट से जीत दर्ज की।
महिला वनडे विश्व कप की शुरूआत यूं तो 1973 में हुई लेकिन भारत ने पदार्पण 1978 में किया और आस्ट्रेलिया की टक्कर पहली बार इसी विश्व कप में पटना के मोईनुल हक स्टेडियम में हुई। यह विश्व कप दक्षिण अफ्रीका में होना था लेकिन रंगभेद के चलते उसके बहिष्कार के कारण भारत को इसकी मेजबानी मिली।

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भारत, आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड की भागीदारी के बीच खेले गए टूर्नामेंट में मार्गरेट जेनिंग्स की कप्तानी वाली आस्ट्रेलियाई टीम ने और डायना एडुल्जी की भारतीय टीम को 71 रन से हराया था।
फिर 1982 में शांता रंगास्वामी की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड में बदले हुए प्रारूप (राउंड रॉबिन और फाइनल) में खेले गए विश्व कप में राउंड रॉबिन चरण में बारह में से चार मैच जीते लेकिन उसे आस्ट्रेलिया के हाथों तीनों मैचों में पराजय का सामना करना पड़ा।
ईडन पार्क पर खेले गए पहले ही मैच में आस्ट्रेलिया ने भारतीय टीम को 153 रन से शिकस्त दी थी जबकि वेलिंगटन में दूसरा मैच आस्ट्रेलिया ने चार विकेट से जीता।

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क्राइस्टचर्च में तीसरे मैच में आस्ट्रेलिया ने 39 रन से जीत दर्ज करके अपना दबदबा कायम रखा। आस्ट्रेलिया ने फाइनल में इंग्लैंड को हराकर खिताब बरकरार रखा था। भारत की शुभांगी कुलकर्णी ने टूर्नामेंट में 20 विकेट चटकाये थे।
अगला महिला विश्व कप छह साल बाद 1988 में आस्ट्रेलिया में खेला गया। भारत को अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट परिषद द्वारा कराये गए इस विश्व कप में खेलने का न्योता मिला था लेकिन प्रायोजकों से पर्याप्त धनराशि जुटाने में असमर्थ रहने के कारण भारत को नाम वापिस लेना पड़ा।

इंग्लैंड में 1993 में हुए विश्व कप में रिकॉर्ड आठ टीमों ने भाग लिया और एडुल्जी की कप्तानी में भारत का प्रदर्शन ग्राफ बेहतर रहा। भारत ने ग्रुप चरण के सात मैचों में से चार जीते और तीन गंवाये। पहले ही मैच में वेस्टइंडीज को 63 रन से हराकर शानदार शुरूआत की लेकिन आस्ट्रेलिया के सामने फिर आसानी से घुटने टेक दिये।
भारत को 58.4 ओवर में 108 रन पर आउट करने के बाद आस्ट्रेलिया ने 38.3 ओवर में तीन विकेट पर 114 रन बनाये।
भारत के लिये संध्या अग्रवाल और कप्तान एडुल्जी का प्रदर्शन टूर्नामेंट में शानदार रहा।

संध्या सात मैचों में 229 रन बनाकर बल्लेबाजी में और एडुल्जी 14 विकेट लेकर गेंदबाजों में चौथे स्थान पर रही।
भारत में 1997 में हुए विश्व कप में 11 टीमों ने भाग लिया और प्रमिला भट्ट की कप्तानी में मेजबान भारत पहली बार सेमीफाइनल तक पहुंचा।इस बार भारत की टक्कर आस्ट्रेलिया से दिल्ली में खेले गए सेमीफाइनल में हुई और कैथरीन फ्रिट्जपैट्रिक ने सात ओवर में 18 रन देकर तीन विकेट चटकाते हुए भारत की जीत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
खराब रोशनी के कारण मैच 32 ओवर का कर दिया गया जिसमें आस्ट्रेलिया ने सात विकेट पर 123 रन बनाये। जवाब में भारतीय टीम 30 ओवर में नौ विकेट पर 104 रन ही बना सकी।

धीमी ओवरगति के कारण भारत के दो ओवर कम किये गए थे।
आस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को हराकर एक बार फिर खिताब अपने नाम किया।
सातवां महिला विश्व कप 2000 में न्यूजीलैंड में खेला गया जिसमें अंजू जैन की कप्तानी वाली भारतीय टीम का आस्ट्रेलिया पर जीत का सपना एक बार फिर अधूरा रहा और राउंड रॉबिन चरण में दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, श्रीलंका, नीदरलैंड , आयरलैंड को हराने वाली भारतीय टीम आस्ट्रेलिया से 51 रन से हार गई। लीसा नाइटली (74) और कारेन रोल्टन (61) ने आस्ट्रेलिया के लिये शतकीय साझेदारी की जबकि भारत के लिये अंजुम चोपड़ा ने सर्वाधिक 47 रन बनाये थे।
दक्षिण अफ्रीका में 2005 में हुए विश्व कप में मिताली राज की अगुवाई में भारतीय टीम ने पहली बार फाइनल तक का सफर तय किया।

नीतू डेविड (20), अमिता शर्मा (14) और झूलन गोस्वामी (13) गेंदबाजों की तालिका में पहले तीन स्थान पर रही।
ग्रुप चरण में भारत और आस्ट्रेलिया का मुकाबला एक भी गेंद फेंके बगैर रद्द हो गया। इसके बाद सीधे सामना फाइनल में हुआ और आस्ट्रेलिया ने एक बार फिर कारेन रोल्टन के शतक के दम पर भारत को 98 रन से हराकर पांचवीं बार खिताब जीता।

भारत में 2013 में हुए विश्व कप में मेजबान भारतीय टीम ग्रुप चरण से ही बाहर हो गई और आस्ट्रेलिया अलग ग्रुप में होने के कारण दोनों की टक्कर नहीं हुई।
कोरोना महामारी के कारण एक साल विलंब से 2022 में न्यूजीलैंड में हुए पिछले विश्व कप में भारतीय टीम ग्रुप चरण से ही बाहर हो गई थी। मेग लैनिंग के 97 रन की मदद से आस्ट्रेलिया ने उसे ईडन पार्क पर छह विकेट से हराया।

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