एशिया कप क्रिकेट टू्नामेंट सितंबर में खेले जाने की उम्मीद है लेकिन अभी भी इसे लेकर सस्पेंस बना हुआ है। BCCI पर काफी कुछ निर्भर करता है। भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते अच्छे नहीं हैं और हाल ही में हुए पहलगाम हमले के बाद इसमें और कड़वाहट आ गई है। ऐसे में भारतीय क्रिकेट टीम का पाकिस्तान के खिलाफ मैच खेलना मुश्किल लग रहा है।
बीसीसीआई ही एशिया कप की होस्ट है तो ऐसे में उन्हें ही फैसला लेना है। एशियाई क्रिकेट काउंसिल लगातार बीसीसीआई के ऊपर दबाव बना रहा है, लेकिन सरकार की अनुमति के बिना बीसीसीआई कोई फैसला नहीं लेने वाली है। हालांकि, 13 जुलाई तक इस पर तस्वीर साफ होने की उम्मीद है।
भले ही बीसीसीआई इस टूर्नामेंट की होस्ट है लेकिन इसका आयोजन श्रीलंका या फिर यूएई में ही हो पाएगा। सितंबर ही एकमात्र ऐसा विंडो है जिसमें इस टूर्नामेंट का आयोजन हो सकता है क्योंकि इसके बाद इस टूर्नामेंट के लिए खाली समय नहीं मिलने वाला है। फिलहाल, भारतीय सरकार ने बीसीसीआई को इस टूर्नामेंट को लेकर कोई साफ संदेश नहीं दिया है। अगर सरकार की अनुमति नहीं होगी तो बीसीसीआई चाहकर भी इस टूर्नामेंट को लेकर आगे नहीं बढ़ सकती है। फिलहाल, सबसे बड़ा मुद्दा ये है कि क्या भारतीय टीम पाकिस्तान के खिलाफ क्रिकेट मैच खेलना चाहती है या नहीं।
ACC को होगा बड़ा नुकसान
वहीं ACC की कमाई का मुख्य जरिया एशिया कप ही है और यदि टूर्नामेंट नहीं हुआ तो उन्हें भारी नुकसान उठाना होगा। अगर टूर्नामेंट किसी तरह हुआ और भारत ने इसमें हिस्सा नहीं लिया तो भी उन्हें नुकसान ही उठाना होगा। टीवी प्रायोजक से लेकर हर कोई भारत-पाकिस्तान मैच के लिए ही विज्ञापनों में बड़ी रकम हासिल कर पाते हैं और इसी से बोर्ड को भी लाभ मिलता है। हालांकि, भारत और पाकिस्तान के बीच का मैच ही फिलहाल सबसे बड़ी समस्या बना हुआ है।