मुंबई। स्टार क्रिकेटर विराट कोहली ने गुरुवार को यहां टीम के सम्मान समारोह के दौरान वानखेड़े स्टेडियम में खचाखच भरे दर्शकों के सामने खुलासा किया कि उन्होंने 15 साल में कभी भी भारतीय कप्तान रोहित शर्मा को इतना भावुक होते नहीं देखा था जिन्होंने टी20 विश्व कप जीत के बाद डबडबायी आंखों से उन्हें गले लगा लिया था। कोहली ने खुली बस में यादगार ‘विक्ट्री परेड’ के बाद आयोजित सम्मान समारोह के दौरान कहा, ‘‘15 साल में यह पहली बार है जब मैंने रोहित को इतना भावुक होते देखा है। जब हम (केनसिंग्टन ओवल में) सीढ़ियां चढ़ रहे थे तो वह रो रहे थे और मैं भी रो रहा था।’’
कोहली जब 21 साल के थे तो उन्होंने इसी मैदान पर कहा था कि 21 वर्षों तक भारतीय क्रिकेट का भार उठाने वाले महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर को अपने कंधों पर उठाना बिलकुल उचित है। कोहली (34 वर्ष) ने पिछले हफ्ते ट्रॉफी जीतने के बाद क्रिकेट के इस छोटे प्रारूप से संन्यास की घोषणा की थी। उन्होंने इस मैदान पर खड़े होकर उम्मीद जताई कि उन्होंने और उनके कप्तान ने 15 वर्षों तक जिम्मेदारी उठाने और ट्राफी देश में लाने के लिए अच्छा प्रदर्शन किया है। कोहली ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमने (रोहित और मैंने) जिम्मेदारी उठाई है और ट्रॉफी यहां (वानखेड़े) वापस लाने से बेहतर कुछ नहीं है।’’
उन्हें फाइनल की पारी के ब्रेक के दौरान पता था कि यह उनका आखिरी मैच था। कोहली ने कहा, ‘‘मैच आधा खत्म होने के बाद मैं जानता था कि अब समय आ गया है कि अगली पीढ़ी को जिम्मेदारी लेनी चाहिए।’’ 2011 में वह टीम के सबसे कम उम्र के सदस्य थे, उन्होंने सचिन तेंदुलकर, हरभजन सिंह और युवराज सिंह को भावुक होते हुए देखा था और शायद उन्हें इनका भावनात्मक होना समझ में नहीं आया। लेकिन अब वह इसे अच्छी तरह समझ सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं उस रात (2011 विश्व कप जीतने के बाद) सीनियर खिलाड़ियों की भावनाओं को समझ नहीं पाया था जब वे रोने लगे थे लेकिन अब मैं इन्हें समझ सकता हूं।’’ कार्यक्रम के संचालक गौरव कपूर ने हल्के फुल्के अंदाज में पूछा, ‘‘मैं जसप्रीत बुमराह को ‘राष्ट्रीय धरोहर’ घोषित करने के लिए एक याचिका पर हस्ताक्षर करने के बारे में सोच रहा हूं। क्या आप इस पर हस्ताक्षर करेंगे?’’ कोहली ने तुरंत जवाब दिया, ‘‘मैं अभी तुरंत इस पर हस्ताक्षर करूंगा। ’’ कोहली ने कहा, ‘‘बुमराह जैसा खिलाड़ी एक पीढ़ी में पैदा होता हैं और हमें खुशी है कि वह हमारे लिए खेलता है।’’
जसप्रीत बुमराह के लिए यह जिंदगी में एक बार होने वाला अनुभव था। उन्होंने कहा, ‘‘यह मैदान सही में बहुत विशेष है। मैं तब बच्चा था तो यहां आया था और आज मैंने जो देखा, ऐसा पहले कभी नहीं देखा।’’ बुमराह ने कहा, ‘‘अपने बेटे को देखकर मैं भावुक हो गया और मेरे पास शब्द नहीं थे। मैंने अपनी पत्नी से कहा कि मैं अपने बेटे को देखना चाहता हूं (मुझे खेलते हुए देखना)।’’ निवर्तमान कोच राहुल द्रविड़ ने भी इसी तरह की भावना व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे दर्शकों का यह प्यार बहुत याद आयेगा, आज रात मैंने सड़कों पर जो देखा, उसे कभी नहीं भूलूंगा।