आरसीबी के गेंदबाज यश दयाल ने अपने खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न के मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में उनके खिलाफ बीएनएस की धारा 69 के तहत दर्ज एफआईआर को रद्द कराने के लिए उन्होंने याचिका दाखिल की है।
यश दयाल के खिलाफ 6 जुलाई को गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। एफआईआर में एक महिला ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इसके बाद मामले में तूल पकड़ लिया है और अब क्रिकेटर ने खुद को निर्दोष बताते हुए हाईकोर्ट में राहत की मांग की है।
अपनी याचिका में यश दयाल ने राज्य सरकार, इंदिरापुरम थाने के एसएचओ और शिकायतकर्ता महिला को प्रतिवादी बनाया है। याचिका पर डबल बेंच में जल्द सुनवाई होने की संभावना है।
वहीं यश दयाल ने भी प्रयागराज के खुल्दाबाद थाने में महिला के खिलाफ ब्लैकमेलिंग के आरोप में शिकायत दर्ज करवाई है। उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से थाने में तहरीर दी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि महिला उन्हें झूठे केस में फंसाकर मानसिक रूप से प्रताड़ित कररही है और पैसे की मांग कर रही है।
यश दयाल ने अपनी तहरीर में ये भी आरोप लगाया है कि महिला ने उन्हें बदनाम करने की करियर खराब करने की धमकी दी थी। उन्होंने प्रयागराज पुलिस से मामले की निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की मांग की है।
दोनों पक्षों की ओर से कानूनी कार्रवाई के बीच अब ये मामला हाईकोर्ट के विचाराधीन है। कानूनी विशेषज्ञों की मानें तो बीएनएस की धारा 69 जो यौन उत्पीड़न से संबंधित है में कड़ी सजा और कठोर प्रावधान हैं, ऐसे में कोर्ट के आदेश का दोनों पक्षों पर बड़ा असर पड़ सकता है।