बुधवार लोकसभा में राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक को पेश किया गया। इस विधेयक के अनुसार, केंद्र सरकार को असाधारण परिस्थितियों में भारतीय टीमों और व्यक्तिगत खिलाड़ियों की अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी पर उचित रोक लगाने का अधिकार होगा।
वहीं खेल विधेयक में राष्ट्रीय हित में निर्देश जारी करने और रोक लगाने की शक्ति संबंधी धारा भी शामिल की गई है जो भारतीय टीमों और खिलाड़ियों की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भागीदारी को स्पष्ट करता है। खिलाड़ियों की भागीदारी का मामला अक्सर पाकिस्तान के संबंध में सामने आता है।
विधेयक में कहा गा है कि, केंद्र सरकार असाधारण परिस्थितियों में और राष्ट्रीय हित में, एक आदेश के द्वारा, संबंधित खेल की किसी राष्ट्रीय टीम की अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भागीदारी या राष्ट्रीय खेलों की गतिविधियों में किसी व्यक्ति की भागीदारी पर उचत रोक लग सकती है। ये विधेयक संसद के दोनों सदनों में पारित होने और उसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही अधिनियम बनेगा। किसी भारतीय टीम को किसी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने की अनुमति देने का प्रश्न अधिकतर तब उठता है जब उसमें पाकिस्तान शामिल हो
कई प्रतियोगिताओं में भाग लेने को लेकर सरकार की नीति पिछले कुछ सालों से बेहद स्पष्ट रही है। अगर कोई ऐसी प्रतियोगिता हो जिसमें कई देश भाग ले रहे हों तो उसमें भागीदारी पर कोई रोक नहीं है लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ द्विपक्षीय आयोजनों का तो सवाल ही नहीं उठता।