मंगलवार को श्रेयस अय्यर फॉर्म में लौट आए हैं। जिसके बाद उन्होंने अपने प्रदर्शन आलोचकों को करार जवाब दिया है। अय्यर के बल्ले से मुंबई और विदर्भ रणजी ट्रॉफी फाइनल में आग उलगी। वह महज पांच रन से शतक से चूक गए। उन्होंने मुंबई के लिए दूसरी पारी में 111 गेंदों में 10 चौकों और 3 छक्कों की बदौलत 95 रन की पारी खेली।
अय्यर को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के शुरुआती दो मैचों में खराब प्रदर्शन के बाद भारतीय टीम से बाहर होना पड़ा। वह सेमीफाइनल के अलावा फाइनल की पहली पारी में भी छाप नहीं छोड़ सके थे, जिसके कारण उनकी आलोचना हो रही थी।
अय्यर पांचवें नंबर पर बैटिंग के लिए उतरे। उन्होंने मुशीर खान के साथ बखूबी मोर्चा संभाला। दोनों ने चौथे विकेट के लिए 168 रन की साझेदारी की। अय्यर ने तूफानी अर्धशतक ठोका और वह अलग ही अंदाज में नजर आ रहे थे। हालांकि, अय्यर 102वें ओवर में नर्वस नाइंटीज का शिकार हो गए। उन्हें आदित्य ठाकुर ने अमन मोखड़े के हाथों कैच आउट कराया। वहीं, 19 वर्षीय मुशीर ने 225 गेंदों में अपनी सेंचुरी पूरी की। ये उनके प्रथम श्रेणी करियर का दूसरा शतक है। उन्होंने क्वार्टर फाइनल में दोहरा शतक ठोका था।
मुंबई ने मैच के तीसरे दिन 141/2 से खेलना शुरू किया। मुंबई के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने 143 गेंदों में 73 रन बनाए। इस पारी को छोड़ दें तो रहाणे के लिए टूर्नामेंट अच्छा नहीं रहाय़ उन्होंने फाइनल से पहले सात मैचों में 134 रन बनाए। उन्होंने फाइनल की पहली पारी में महज सात रन बटोरे। रहाणे भी टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं।