हरारे । सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल (नाबाद 93) के ताबड़तोड़ और कप्तान शुभमन गिल (नाबाद 58) के संयमित अर्धशतक तथा दोनों के बीच पहले विकेट के लिए 156 रन की अटूट साझेदारी से भारत ने शनिवार को यहां चौथे टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में जिम्बाब्वे को 10 विकेट से रौंदकर पांच मैच की श्रृंखला में 3-1 से अजेय बढ़त हासिल की। भारत ने इस तरह जिम्बाब्वे पर दूसरी दफा 10 विकेट के अंतर से जीत हासिल की। 2016 में इसी स्थल पर भारत ने मेजबान टीम को 10 विकेट से हराया था। भारत ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला करते हुए कामचलाऊ गेंदबाज शिवम दूबे और अभिषेक शर्मा के शानदार प्रदर्शन से जिम्बाब्वे को सात विकेट पर 152 रन पर रोक दिया।
जायसवाल और गिल की मदद से उछाल भरी पिच पर यह लक्ष्य महज 15.2 ओवर में 156 रन बनाकर हासिल कर लिया। टी20 विश्व कप में जायसवाल को खेलने का मौका नहीं मिला था, उन्होंने 53 गेंद की नाबाद पारी में विकेट के चारों ओर शॉट लगाये। उनकी पारी में 13 चौके और दो छक्के जड़े थे। गिल ने संयम से खेलते हुए जायसवाल को ताबड़तोड़ रन जुटाने दिये तथा 39 गेंद की नाबाद पारी के दौरान छह चौके और दो छक्के जमाये। जायवाल का जिम्बाब्वे के कप्तान सिकंदर रजा पर बैक-ड्राइव शॉट दर्शनीय था और रिचर्ड नगारवा की गेंद पर छक्का भी उतना ही आकर्षक था। जिम्बाब्वे के तेज गेंदबाजों की खामियों का पूरा फायदा उठाते हुए जायसवाल ने नौ चौकों से अपना अर्धशतक पूरा किया जबकि तब शुभमन 15 रन पर ही थे।
जिम्बाब्वे के कप्तान रजा के पास इन दोनों के चौकों छक्कों को रोकने का कोई विकल्प नहीं था। बस सवाल था कि जायसवाल अपना शतक पूरा कर पायेंगे या नहीं। या फिर गिल अपना अर्धशतक बनायेंगे। गिल ने अपना अर्धशतक पूरा किया। इससे जायसवाल के पास शतक पूरा करने के लिए रन नहीं बचे। लेकिन उन्होंने शानदार पुल-शॉट के साथ मैच खत्म किया। इससे पहले जिम्बाब्वे के कप्तान सिकंदर रजा ने 28 गेंद में 46 रन की पारी खेली। लेकिन भारत के पांचवें गेंदबाज अभिषेक (तीन ओवर में 20 रन देकर एक विकेट) और छठे विकल्प दूबे (दो ओवर में 11 रन देकर एक विकेट) ने अच्छे गेंदबाजी प्रयास से जिम्बाब्वे को दबाव में रखा। इन्होंने खतरनाक दिख रही वेस्ले माधेवेरे (24 गेंद में 25 रन) और टाडीवानाशे मारूमनी (31 गेंद में 32 रन) की सलामी जोड़ी को आउट करके मध्य ओवरों में लगाम कसी।
कप्तान रजा ने हालांकि अपनी पारी में तीन छक्के और दो चौके लगाकर जिम्बाब्वे को 150 से अधिक रन के स्कोर तक पहुंचाया। लेग स्पिनर रवि बिश्नोई को छोड़कर सभी भारतीय गेंदबाजों को विकेट मिले। पदार्पण करने वाले मध्यम गति के गेंदबाज तुषार देशपांडे (तीन ओवर में 30 रन देकर एक विकेट) का पहला स्पैल काफी अधिक फुल लेंथ वाली गेंद या बहुत शॉर्ट गेंद लेंथ वाला रहा। इससे दोनों सलामी बल्लेबाज माधेवेरे और मारूमनी आसानी से बाउंड्री बनाने में सफल रहे। पर देशपांडे के लिए अच्छा रहा कि वह रजा का विकेट लेने में सफल रहे। पहले तीन मैच में जिम्बाब्वे के लिए पहले विकेट की सर्वश्रेष्ठ साझेदारी नौ रन की थी लेकिन माधेवेर और मारूमनी ने 63 रन की साझेदारी निभायी, हालांकि यह इतनी तेज नहीं थी। बायें हाथ के स्पिनर अभिषेक ने पहले विकेट की साझेदारी तोड़ी। उनकी गेंद पर मारूमनी पुल शॉट को टाइम नहीं कर सके और रिंकू सिंह के हाथों कैच आउट हुए। दूबे ने फिर माधेवेरे को आउट किया। उनका कैच भी रिंकू ने ही लपका। दूसरे मैच में अच्छी बल्लेबाजी करने वाले ब्रायन बेनेट (14 गेंद में नो रन) को वाशिंगटन ने अपना शिकार बनाया। दूबे और अभिषेक ने ‘विकेट टू विकेट’ गेंदबाजी करते हुए स्कोर गति पर लगाम कसी।