भारतीय टीम के मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर इंग्लैंड के खिलाफ हार ही में समाप्त हुई टेस्ट सीरीज में अनकैप्ड खिलाड़ियों ध्रुव जुरेल और देवदत्त पडिक्कल को मौका देना चाहते थे। हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कप्तान रोहित और कोच राहुल द्रविड़ इस बात को लेकर ज्यादा आश्वस्त नहीं थे कि जुरेल अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कैसे आगे बढ़ेंगे, क्योंकि उन्होंने सिर्फ 15 प्रथम श्रेणी मैच खेले थे। हालांकि, अगरकर ने उन्हें युवा खिलाड़ी को डेब्यू का मौका देने के लिए मना लिया।
एक सूत्र ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि, ये अगरकर ही थे जिन्होंने जुरेल के नाम का सुझाव दिया था। टीम प्रबंधन उनके बारे में बहुत आश्वस्त नहीं था क्योंकि वह अभी भी नौसिखिया थे। एक ऐसे युवा खिलाड़ी को चुनना, जिसे टॉप स्तर पर रेड-बॉल में ज्यादा प्रदर्शन नहीं मिला हो, सीधे भारतीय टीम में शामिल कर लिया जाए।
विकेट के पीछे शानदार प्रदर्शन करने के बाद जुरेल ने कुछ अविश्वसनीय पारियां भी खेली। रांची में उनके 90 और 39* रन भारत को एक सनसनीखेज बदलाव और सीरीज जीतने में मदद करने में अहम साबित हुए। इस युवा खिलाड़ी को अपनी वीरता के लिए चौथे टेस्ट में प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला।
भारत की बल्लेबाजी क्रम में काफी अनुभवहीनता थी और धर्मशाला टेस्ट से बाहर होने पर सूत्र ने दावा किया कि भारत अनुभवी चेतेश्वर पुजारा को वापस लाने पर विचार कर रहा है। अजीत अगरकर ने एक फिर कदम बढ़ाया और युवा देवदत्त पडिक्कल का समर्थन किया, जिन्हें उन्होंने हाल ही में रणजी ट्रॉफी में 150 रन बनाते देखा था।
इस पर सूत्र ने कहा कि, चेतेश्वर पुजारा के बारे में चर्चा हुई, जो रणजी ट्रॉफी में रन बना रहे थे। बल्लेबाजी लाइन-अप के पास वास्तव में कोई अनुभव नहीं था। लेकिन अगरकर पडिक्कल के चय पर आगे की सोच पर अड़े रहे। जब उन्होंने रणजी में 150 रन बनाए तो वह मौजूद थे। उनका मानना था कि उनका कद इंग्लैंड के अनुभवहीन स्पिनरों के खिलाफ काम आएगा।